Saturday, January 21, 2017

Kanwal Speaks - January 22, 2017 at 09:32AM

अगर अरविंद केजरीवाल और उसके आर.एस.एस. से संबंधों के बारे में जानना है तो जहाँ से वह निकला है वहाँ के बारे में चर्चा होनी चाहिए, अन्ना हज़ारे आंदोलन, जो कि जन भावनाओं को मौजूदा मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ़ भड़का कर और एक विपरीत माहौल तैयार कर आर.एस.एस. संचालित बीजेपी को सत्ता में लाने का दंभ भर था, और ख़ुद अन्ना हज़ारे को जानना होगा, और अगर अन्ना हज़ारे को जानना है तो सबसे पहले उस के राजनीतिक गुरु नाना जी देशमुख को जानना होगा; यह नानाजी देशमुख आर.एस.एस. का एक बहुत बड़ा नाम रहा है, पर बात यहां तक खत्म नहीं होती यह वही नानाजी देशमुख है जिसने नवंबर 1984 में भारत भर में हुए सिक्खों के निंदनीय और घृणित कत्लेआम को न केवल सही ठहराया था बल्कि यहां तक कहा था कि सिख्खों को हिंदू भावनाओं का आदर करते हुए इस कत्लेआम का विरोध नहीं करना चाहिए और चुपचाप बहु संख्यक समुदाय की भड़की हुई भावनाओं का सम्मान करते हुए इसे सह लेना चाहिए; नानाजी देशमुख के इस निबंध रुपी वक्तव्य को बाद में समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के द्वारा प्रकाशित की जाती पत्रिका में भी जनतक किया गया था । #कंवल
by अहं सत्य

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