Monday, April 17, 2017

Kanwal Speaks - April 18, 2017 at 05:52AM

जो भी महाराष्ट्र में रहा है वो जानता है कि गणेश चतुर्थी के दस दिन के भयंकर​ शोर-शराबे, नारकीय कंजरखाने, भीषण वातावरण दोहन, पाशवी फूहड़पन और निहायत गुंडागर्दी से बदतर वहाँ कुछ और नहीं है ।
by अहं सत्य

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