सरेआम नंगा नहाने और निचोड़ने वाला निहायत घटिया किस्म का बाज़ारू इंसान जो वाहियात मानसिकता वाली 20 फ़ीसदी से भी कम भारतीय आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, दूसरों के गुसलखानों में नाक घुसेड़ने की अपनी गिरी हुई सोच का मुजाहरा देश की सर्वोच्च संस्था संसद में करके इस मुल्क के अस्तित्व पर ही काला धब्बा लगा रहा है । #कंवल
by अहं सत्य
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