Sunday, May 21, 2017

Kanwal Speaks - May 21, 2017 at 04:37PM

वो​ जो कत्ल़ोगारत से तख़्त पर बैठा, और बेगुनाहों की नस्लकुशी को महज़ बड़ा पेड़ गिरने पर धरती का काँपना बता कर तंज कसता रहा, ख़ुद दुनिया से ऐसे गया कि उसके तन के चिथड़े-चिथड़े उड़ने के बाद कोई उसकी लाश​ भी न ढूंढ सका ... #कंवल
by अहं सत्य

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