Sunday, August 27, 2017

Kanwal Speaks - August 28, 2017 at 09:06AM

डेरावाद और राजनीति के संबंधों में बिल्कुल पहले मुर्गी आई या अंडा आया जैसा रिश्ता है; अब किसको दोषी ठहराया जाए उन राजनेताओं को जो वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिए डेरावाद को सरपरस्ती देते हैं, या फिर उस भीड़ को जो इन डेरों में जाती है, अपना मस्तिष्क और सोचने समझने की शक्ति को कुएं में फेंक और पूरी तरह अंधश्रद्धा से ग्रस्त हो कर, जिसके चलते सत्ता लालायित राजनेताओं को इन डेराधारियों के चरणों में बैठना पड़ता है ?
by अहं सत्य

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