Wednesday, October 8, 2014

Kanwal Speaks - October 08, 2014 at 05:35PM

मनुष्य एवं समाज जब कर्मठ हो अपना "भाग्य विधाता" स्वयं बन जाता है तो ऐसी कोई शक्ति नहीं जो उसके तेज को धुंधला करने का साहस कर सकती हो | 

#कंवल 

by Kawaldeep Singh



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