Friday, March 16, 2018

Kanwal Speaks - March 16, 2018 at 12:46PM

धर्म में जकड़े सुधारवादियों की व्यथा यह है कि वह बाहर तो सुधार सकते हैं भीतर नहीं; और जब कभी उनके अपने घर के भीतर की बात होती है तो उनका सुधारवाद बस श्रद्धा, आस्था और भावनाओं के बोझ तले थर-थर कांपने लगता है । #कंवल
by अहं सत्य

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