Friday, March 2, 2018

न शरीर का न पत्थर का और ना ही ग़ुलाम किसी किताब का, आज़ाद हूँ कंवल खुला रखता हूँ दरवाज़ा मैं दिमाग का । #कंवल - March 02, 2018 at 07:51PM


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