Sunday, October 25, 2015

Kanwal Speaks - October 25, 2015 at 09:26PM

यह खेल-ऐ-सियासत है कंवल यहाँ जीतने का अलग है दस्तूर, खुद ही बिछाते हैं बिसात यहाँ और गिराते अपने मोहरों को खुद ही । #कंवल
by अहं सत्य

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