Saturday, October 31, 2015

Kanwal Speaks - October 31, 2015 at 11:13PM

किसी बड़े दरख़्त के गिरने से ये धरती हिले न हिले चाहे कभी कंवल, पर खून से तख़्त हथियाने वाले अंत अपने खून में नहाते ज़रुर हैं । #कंवल
by अहं सत्य

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