Saturday, October 31, 2015

Kanwal Speaks - October 31, 2015 at 12:38PM

बोटियाँ नोची घर उजाड़े और पीढ़ी दर पीढ़ियाँ जिब्हा की गुलिस्ताँ की कंवल, पेश-ए-ख़िदमत है ख़ून ऐ अहल-ऐ-सियासत तेरी प्यास मिटाने के वास्ते । #कंवल
by अहं सत्य

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