जब हम KFC गये ! हम KFC नहीं जाते । पर हुया ये कि उस सर्द शाम जब हमको असल में किसी काम के सिलसिले में कहीं और जाना था तो उसके बगल में एक KFC था तो मन में ऐसे ही, नाजाने क्यूँ, सोचा कि चलो हो आयें । अंदर जा कर ५-१० मिनट उनका दीवार पे टंगा मेन्यू निहारा, तो पाया कि वहाँ तो टाँग, आंत, गुर्दे के सिवा कुछ लिखा ही नहीं कहीं कुछ, और हम ठहरे शुद्ध शाकाहारी कि अंडा देख के भी भाग उठें । दो-तीन बार बोर्ड फिर निहारा पर पेप्सी, कॉल्ड कॉफ़ी के इलावा अपने मतलब का कुछ मिले ही ना कहीं । और फिर इतने में ऑडर लेने वाला हमसे भी गंभीर मुदरा में हमारा चेहरा निहारने लगा । अब उसको ऐसे देखते हुए देख कर हमको ऐसे लगा कि भाई अब तो लगता है कि हमारी इज़्ज़त पे बन आई है सो हिम्मत कर के पूछ ही लिया कि भाई क्या यह दीवार पे टंगा हुया ही पूरा का पूरा मेन्यू है ? बंदा लगता हुशियार था या फिर रोज़ का पका, मन की बात समझ गया हमारी, और एक मेन्यू पेम्फ़्लेट हमारे हाथ में धर दिया और फिर जब हमने उसको खोल कर देखा और पढ़ा तब जा कर हमारी जान में जान आई कि भाई कुछ तो था Veg Meal के नाम से जिसको हम ऑर्डर कर सकें, और फिर हमने बस फटाफट ऑडर कर के अपना पिंड छुड़ाया । तो ऐसे बीती हम पर यह सब ... #कंवल
by अहं सत्य
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