Wednesday, January 13, 2016

Kanwal Speaks - January 13, 2016 at 09:51PM

अरे सगी माँ के सोने के गहने चूराने वाले और सगी बहन से नाजायज़ संबंधों के चलते गाँव से मूँह काला कर के निकाले गये नकली-डाकटर, अब धर्म के नाम पे जो पाखंड घोल कर घर में चार कमरों का चकला खोल कर बैठा है तो ध्यान से सुन कि ये जो बोटियों की दलाली खाने का तूँ सपना पाले बैठा वो तेरा ख़्वाब या तो हीरा मंडी लाहौर में पूरा होगा या फिर सोनागाची कलकत्ता में; इसके सिवा तेरी दस लाख की टपकती लार पे तुझे किसी हलकाये कुत्ते की ........... भी नहीं मिलेगी ! (समझ तो तूँ गया ही होगा कि खाली जगह पे क्या भरना है ! क्यूँ ? )
by अहं सत्य

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