माँस का टुकड़ा - प्रो. कवलदीप सिंघ कंवल वह किसी मुर्दा जानवर के माँस का टुकड़ा था । एक फ़ितूरी ने उसे गाय का माँस बता दिया और फिर जनूनी भीड़ ने एक इंसान का कत्ल कर दिया । फिर बाद में वह बकरे का माँस निकला । पर सुना है कि अब वहाँ चुनाव आ गए हैं, तो अब वही माँस टुकड़ा फिर से गाय के माँस में तब्दील हो गया है । #कंवल
by अहं सत्य
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