Sunday, July 24, 2016

Kanwal Speaks - July 24, 2016 at 11:37PM

भारत के दलितों की सबसे बड़ी त्रासदी यह रही है कि अंबेडकर के बाद इनको कभी कोई ढंग का नेता नहीं मिला जो कि उन के ज़मीनी मसलों को सही ढंग से मुख्यधारा में उठाकर उनको उचित नुमाइंदगी दिला कर उनको समाज में संपूर्ण न्याय दिलवा सके; अगर मिले तो यह मायावती और पासवान छाप ही मिल पाए जिनका संपूर्ण ध्यान और शक्ति सिर्फ अपना खुद का महिमामंडन करने, केवल अपने घरों को भरने और अपने परिवारों की सात पीढ़ियों का जीवन उद्धार करने लायक संग्रह करने में ही केंद्रित रहती है । #कंवल
by अहं सत्य

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