यह विकृत एवं नृशंस नारीवाद का ही दोष है कि नारी के हर झूठे-सच्चे आरोप को प्रथम दृष्टया से ही सही माना जाता है बिना किसी जांच-पड़ताल के, और पुरुष हमेशा अपराधी ही माना जाता है बस एक दोष भर लगने पर; पर इस पर कोई बोलेगा नहीं ... #कंवल
by अहं सत्य
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