Wednesday, September 17, 2014

Kanwal Speaks - September 17, 2014 at 02:00PM

दुराचारिणी स्त्री का न तो कोई भाई होता है और न ही पिता; सगी होती है तो केवल कामवासना जिसकी अग्नि में धर्म, सदाचार, रिश्ते, लाज और सीमांएँ सब के सब होम स्वाहा हो जाते हैं |

by Kawaldeep Singh



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