सभी विकराल दासतायों से कर्म-श्रम के बल से मुक्त हुआ जा सकता है परन्तु मानसिक दासता की जंजीरों को केवल बाहरी प्रयत्नों से ही तोडना असंभव है; मानसिक दासता से मुक्ति केवल आत्म-बोद्ध से ही संभव हो सकती है | #कंवल
by अहं सत्य
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