धर्मो-मज़हब के नाम पर और ख़ुद को बड़ा धर्म का रक्षक या गाज़ी-ऐ-मज़हब साबित करने की अंधी दौड़ में किसी भी ऐसे निसहाय जीव जो अपनी रक्षा करने का सामर्थ्य न रखता हो बल्कि अपने जीवन के लिये आपकी दया या शीलता पर ही निर्भर करता हो की बलि या क़ुर्बानी देना उस भगवानो-ख़ुदा की हस्ती, क़ुदरत और रहमत का सब से बड़ा अपमान है | #कंवल
by अहं सत्य
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