Monday, October 5, 2015

Kanwal Speaks - October 06, 2015 at 11:24AM

जीते जी तरसे, माँ-बाप जिसके, बस दो जून की रोटी को, श्राद्ध मेँ कंवल, दिखावे को वो, छप्पन भोग खिलाता है । #कंवल
by अहं सत्य

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