अहिंसा परमोधर्म है परंतु अहिंसक प्रतिरोध केवल वहीं कारगर है जहाँ अहिंसा के सिद्धांतों को सामाजिक और शासकीय स्तर पर सम्मानजनक स्थान प्राप्त हो; किसी भी नृशंस फासीवाद का प्रतिउत्तर केवल संपूर्ण सशस्त्र क्रांति से ही दिया जा सकता है, और केवल यह एक भाषा ही उसको समझ में आती है । #कंवल
by अहं सत्य
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