Tuesday, June 27, 2017

Kanwal Speaks - June 28, 2017 at 04:27AM

लोकतंत्र और भीड़तंत्र में एक बहुत महीन सी सीमा रेखा होती है; और हिंदुस्तान यह रेखा कब की लांघ कर दनदनाती ख़ूँनी दरिंदा भीड़ों के शासन में प्रवर्तित हो चुका है ।
by अहं सत्य

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