Saturday, December 16, 2017

Kanwal Speaks - December 16, 2017 at 05:34PM

वैसे तो हिंदुस्तानी सर्वोच्च न्यायालय को मैं पहले भी सत्ता का पिठ्ठू और धनकुबेर की जेब का नाक पोछने वाला रुमाल ही मानता हूँ, पर मौजूदा सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा संघी, जातिवादी, फिरकापरस्त, भ्रष्टाचारी और फासीवादी है, जिसे बड़ी ही चालाकी से इस प्रकार से पदोन्नत किया गया है कि यह एक लंबे समय तक हिंदुस्तान का मुख्य न्यायाधीश रहेगा और सरकार के रास्ते में बिछाए रोड़े हटाता रहेगा, खास करके संघियों के केसों में ! पर हिंदुस्तान की सामाजिक चेतना और समूची जनता को निट्ठल्ला और निष्क्रिय देखकर मैं बस यही कहूँगा जो हो रहा है अच्छे के लिए ही हो रहा है, क्योंकि जब तक यह भ्रम बना रहेगा कि इस नकली लोकतंत्र में कुछ बदलाव की आशा है जनता कभी भी संगठित रूप से इसके ख़िलाफ़ उठकर खड़ी नहीं होगी । और जब यह भ्रम टूट कर पूरी तरह से चूर-चूर हो जाएगा, चाहे वह इस ईवीएम पर से भरोसा उठ जाने से ही हो, तभी शायद यहाँ पर संपूर्ण क्रांति, सशस्त्र क्रांति और पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन आने का कोई संदर्भ बन पाये । #कंवल
by अहं सत्य

Join at
Facebook

No comments:

Post a Comment