Sunday, December 24, 2017

Kanwal Speaks - December 24, 2017 at 10:50PM

शोर -कवलदीप सिंघ कंवल चारों तरफ बस शोर है, इसका उसका उनका सबका और मेरा भी; अपनों का शोर, परायों का शोर, व्यवस्था का शोर, शासन का शोर, समाज का शोर, प्रतिकार का शोर, विचारधारा का शोर; अधर्म का शोर और धर्म का भी, अन्याय का शोर और न्याय का भी, नफरत का शोर और मोह का भी, असत्य का शोर और सत्य का भी; भूख का शोर, धन का शोर, जाति का शोर, नस्ल का शोर, रंग का शोर, लिंग का शोर; श्रद्धा भक्ति मुक्ति चीखता चिल्लाता सब का शोर, है शोर यहाँ चिंतन ध्यान मनन और शांति का भी; बस शोर शोर और शोर, जीवन का वजूद ही जैसे केवल शोर बन गया हो, न टिकाव न ठहराव न स्वबोध ॥ #कंवल
by अहं सत्य

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