घिन आती है जब ऐसे प्रश्न देखता हूँ कि फ़लाँ धर्म वालों के लिए हँसना, गाना, नाचना, कूदना, खुशी मनाना, दुख मनाना, सालगिरह मनाना बर्सी मनाना, केक काटना, ये या वो खाना-पीना, फ़लाँ करना धिमका न करना, इत्यादि उचित हैं या अनुचित । अरे भाई, ऐसा प्रश्न ही निरर्थक है, क्योंकि तुमने फ़लाँ धर्म धारण कर लिया है, इसलिए अब बस मर जाओ !!
by अहं सत्य
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