Tuesday, December 19, 2017

Kanwal Speaks - December 19, 2017 at 08:50PM

ऊंची जाति नीची जाति मेरी जाति तेरी जाति उसकी जाति हमारी जाति उनकी जाति सुबह-शाम मैं सिमरुँ जाति कुछ लोगों में जाति इतनी कूट कूट कर भरी है कि इंसान होने की तो कोई जगह ही नहीं बची ... #कंवल
by अहं सत्य

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