Wednesday, January 17, 2018

Kanwal Speaks - January 17, 2018 at 07:34PM

धर्म दान देना सिखाता है, जिसमें एक दाता और दूसरा भिखारी होता है, दोनों का दर्जा कभी भी समान नहीं हो सकता । पर नानक ने बांट कर खाना सिखाया, न इसमें कोई देने वाला होता है और न ही कोई लेने वाला, सब एक समान एक ही जगह में अपनी आमदनी का हिस्सा डालते हैं, उस साँझी गोलक में से सर्व-जन कल्याण के लिए धन खर्च होता है । अगर पूरी ईमानदारी से लागू हो तो नानक का यह सिद्धांत विश्व का पहला समाजवाद है । #कंवल
by अहं सत्य

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