Monday, April 2, 2018

Kanwal Shared - Choudhary - April 03, 2018 at 01:35AM

अगर इस तरह की हरकतें स्वर्ण हिंदू किन्हीं दलितों के पूज्य जनों अंबेदकर, फूले इत्यादि की तस्वीरों और मूर्तियों के साथ करते तो उन पर SC/ST Atrocities Act के तहत अब तक मुकदमा दर्ज़ कर गिरफ्तारी भी कर ली जाती, जबकि तथाकथित दलितों पर दूसरों के पूज्य जनों और प्रतीकों के ख़िलाफ़ वही आचरण करने पर कोई भी कानूनी सज़ा का प्रावधान नहीं है । शायद इसीलिए SC/ST Atrocities Act पर आया भारतीय सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एकदम सही प्रतीत होता है । बल्कि इससे भी आगे बढ़कर हर उस तरह के कानूनी प्रावधान को पूर्ण तरह से खत्म करने की ज़रूरत है जिसमें किसी भी जाति, धर्म, रंग, वर्ग, नस्ल, लिंग विशेष इत्यादि को दूसरों से बढ़कर अधिकार दिए गए हों ।
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