Tuesday, December 8, 2015

Kanwal Speaks - December 09, 2015 at 11:35AM

न ज़हनियत न जज़्बा न एहसास-ए-आदमियत कंवल इस शहर में, कहने भर को यह बस्ती इंसानों की सब मारख़िदा पर इसमें रहते हैं । #कंवल
by अहं सत्य

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