Take and Philosophy of "Kawaldeep Singh Kanwal" on this Universe and happenings in and around.
Monday, November 28, 2016
Kanwal Speaks - November 29, 2016 at 11:42AM
ये कतारों में मुल्क़ लगवाना बस इनका सब बहाना है । अहल-ए-सियासत को कालेधन में अपना हिस्सा खाना है । भले तिल-तिल मरे आवाम सिंघासन को कोई फ़र्क नहीं । भेड़ बकरियां हैं कंवल हाँको या जिबाह करो रश्क नहीं । #कंवल
by अहं सत्य
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