इन्हीं के अपने ग्रंथों के अनुसार परशुराम ने 21 बार एक जाति विशेष के मनुष्यों का घोर नरसंहार किया था, यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों और मां के गर्भ में पल रहे शिशुओं की भी निर्मम हत्याएं की गईं थी, तो फिर वह किस तरह मध्यकालीन अत्याचारी शासक व हमलावर तैमूर से ज्यादा नैतिक और वंदनीय हो गया ?
by अहं सत्य
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