अगर आईआईटी, आईआईएम, एमज़, इत्यादि जैसे संस्थानों में विज्ञान और अनुसंधान की जगह वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, महाभारत, गीता, इत्यादि पढ़ा कर भगवाकरण करने के मंसूबे ही घड़ते रहेंगे, तो इस देश में इंजीनियर, मैनेजर, डॉक्टर सब पकोड़े की तो तलेंगे, और क्या ?!
by अहं सत्य
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