Thursday, February 15, 2018

Kanwal Speaks - February 16, 2018 at 03:21AM

न शरीर का न पत्थर का और ना ही ग़ुलाम किसी किताब का, आज़ाद हूँ कंवल खुला रखता हूँ दरवाज़ा मैं दिमाग का । #कंवल
by अहं सत्य

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