Saturday, March 21, 2015

Kanwal Speaks - March 22, 2015 at 12:19PM

ऐका मूल ते जुड़ रही, होई जन परवान || कंत छाड़ अवरै लगी, सब जूठा जिय प्राण ||१|| जूठा भर घर लाईयै, स्वर्ण थाल टिकाये || रूपा वर्क तिह ढाकियै, फुन जूठा कहलाये ||२||१|| #कंवल

by अहं सत्य



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