Friday, December 4, 2015

Kanwal Speaks - December 04, 2015 at 05:26PM

यह ज़िंदगी जो तुम्हारी बस एक तमाशा भर ही तो है कंवल, किसी का रंगमंच हाथ किसी के नाचती ये कठपुतलियाँ देखो । #कंवल
by अहं सत्य

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