अपने माथे पर हर समय नास्तिक की चिप्पी चिपकाकर घूमने वाले उतने ही मूर्ख, जाहिल, गलीज और बददिमाग होते हैं जितने कि किसी भी धर्म का पट्टा गले में डाल कर रखने वाले; इंसान कहलाने के नाकाबिल इन दोनों प्रजातियों के सूअरों व कुत्तों से एक समान बच कर चलना ही समझदारी है । #कंवल
by अहं सत्य
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