Wednesday, March 4, 2015

Kanwal Speaks - March 04, 2015 at 09:32PM

बहुत परेशां हूँ जब से जाना लोहे को काटता है बस लोहा, कि नामुमकिन है इस जहाँ में फ़रेब तेरे दर्जे का मिलना | #कंवल

by अहं सत्य



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