Saturday, May 16, 2015

Kanwal Speaks - May 16, 2015 at 10:45PM

ये काफ़िर का फ़तवा मुब़ारक कंवल है, जो मज़हब की बंदिश मानता नहीं हूँ । मुब़ारक ये सूली और प्याला ज़हर का, जो बिन तेरे किसी को मैं जानता नहीँ हूँ । #कंवल
by अहं सत्य

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