Wednesday, July 29, 2015

Kanwal Speaks - July 29, 2015 at 11:34PM

तेरी मुनसिफ़ी को लाहनत रहेगी दिन-ऐ-क्यामत के बाद भी मेरी, कि लाशों से इबारतें लिखना 'गर इन्साफ कंवल तेरी अदालत का। #कंवल
by अहं सत्य

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