Wednesday, July 29, 2015

Kanwal Speaks - July 30, 2015 at 11:18AM

आतंक-ऐ-निज़ाम देख कर भी 'गर चुपचाप जर जाती मेरी हस्ती, कैसे रखूँ कुव्वत कंवल सरफिरी हैवानियत बेपर्दा करने की । #कंवल
by अहं सत्य

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