Friday, November 27, 2015

Kanwal Speaks - November 27, 2015 at 02:36PM

ऐसा न हो कि कोई नामलेवा भी न रहे तेरा बाकी कहीं कंवल, ये गरूरो बे-इख़लाकी की दलदल पुश्तों को निगल जाती है । #कंवल
by अहं सत्य

Join at
Facebook

No comments:

Post a Comment