Friday, November 27, 2015

Kanwal Speaks - November 28, 2015 at 11:00AM

ढह जाती है हर सलतनत वो बस ताश के पत्तों के मानिद, आवाज़-ए-आवाम कंवल जो ज़ुल्म से कुचलने पर आमादा हो | #कंवल
by अहं सत्य

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