Thursday, January 8, 2015

Kanwal Speaks - January 08, 2015 at 10:13PM

जो मज़हब की क़िताब अपनी लिखाई के लिये निहत्थे इन्सानों के लहु की सियाही मांगती हो उस क़िताब का हर एक कागज़ इस कदर फाड़ कर जला देना चाहिए कि उसकी ख़ाक में भी कोई निशान पहचानने के लायक बाकी न रहे | #कंवल

by अहं सत्य



Join at

Facebook

No comments:

Post a Comment