Saturday, July 11, 2015

Kanwal Speaks - July 11, 2015 at 07:32PM

भिखारी की आख़िरी औकात भीख माँगने पर ही आ कर रुकती है, फिर चाहे उसने सत्ता का शीर्ष सिंघासन दबा कर रख्खा हो या फिर चोगा पहन के धर्म की कोई गद्दी; अंदर का सच बाहर आ कर ही रहता है । #कंवल
by अहं सत्य

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