Monday, July 13, 2015

Kanwal Speaks - July 13, 2015 at 05:59PM

अमिताभ ठाकुर और राजनाथ सिंह के मिलन-प्रकरण पे बस इतना ही कहना काफ़ी होगा कि किसी एक पक्ष से दुखी व्यक्ति उसके विपक्ष के पास ही जाएगा, यह चाहे कितना भी गलत हो पर ऐसा करना एक प्रकार से उसकी मजबूरी ही बन जाती है, वो भी तब जब उसे अपने विरोधी की शक्ति के डर के कारण कही भी और न्याय मिलने की उम्मीद नहीँ रह जाती ।
by अहं सत्य

Join at
Facebook

No comments:

Post a Comment