Wednesday, November 11, 2015

Kanwal Speaks - November 12, 2015 at 11:07AM

मिथकों की धुंध में हुआ था अप्रमाणित कोई जिसके कर्मों से आज भी तुम उसके पुतले जलाते हो, मेरी आँखों ने तो कंवल ख़ुद हैवानियत का मंज़र देखा है और कहते हो तुम कि मैं उसे भूल जाऊं । #कंवल
by अहं सत्य

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