बार-बार वही कुतर्क कि धोखा दे के भागा था !! अरे अंध-भक्तो यदि सही इतिहास याद करवाया न तो तुम को न तो भागने के लिये रास्ता मिलेगा न ही डूब मरने के लिये चुल्लू भर पानी ... अभी दशक भर ही बीता है महज़ तुम्हारे इतिहास को और तुम भूल भी गये कि किस तरह तुम आडंबरी राष्ट्रवादियों का भारत-रत्तनीय शीर्ष पद्दासीन महाँगौरव तो तीन-तीन बार धोखा दे के भाग चुका है ... एक बार 13 दिन में, दूसरी बार 13 महीनों में और फिर तीसरी बार इंडिया-शायिनिंग के बदरंग सपनों की सौदागरी करते हुये मूँह की खाकर ... चलो अब मूँह में जूता ठूसो सभी भक्तगण !!
by अहं सत्य
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