अपाहिज, पिंगला या लंगड़ा ही सही पर ले देकर यह एक लोकतंत्र मात्र ही है जो इस भूखंड को किसी तरह से एक सूत्र मेँ बांधे हुए है, और जिस दिन यहाँ से लोकतंत्र का नाम उठ गया तो उस दिन इस भूखंड को खंड-खंड विखंड होने से कोई नहीँ रोक पाएगा । #कंवल
by अहं सत्य
Join at
Facebook
No comments:
Post a Comment