Saturday, April 25, 2015

Kanwal Speaks - April 25, 2015 at 06:19PM

भगवान कुदरत के अनंत और अपार विधान तथा रहस्य को समझने का एक सुगम मनोवैज्ञानिक ज़रिया है, जो अपने मूल रुप मेँ मनुष्य को जीवन, ऊर्जा, साहस, बल, बुद्धि, शोर्य और जन-कल्याण जैसे महान विचारोँ से भर देता है और बड़ी से बड़ी विपदा मेँ भी मनुष्य को अपना संतुलन बनाए रखने मेँ अद्वितीय प्रभाव से सहायक होता है, परंतु अगर इस बोध को मज़हब की धारणायों मेँ बांध लिया जाए तो यह मात्र दोहन और शोषण का हथियार भर बन कर रह जाता है । #कंवल
by अहं सत्य

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