पूंजीवाद का ज़माना है भईया, यहाँ पे मुफ़्त मेँ नाहीँ न मिले है कछु भी; और जिनसे कर्ज़ा लिए हो उनको तो लौटाना ही पड़े है ना देर-सबेर ? अभी ये उधारखाती कितनो दिन चली है और, तो लाई ज़रा अध्याधेश लाई, ऊ लैंड बिल का, ई संसदवा में तो पास तुमसे होइते नाहीँ ! #कंवल
by अहं सत्य
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